मंगलूरु धमन भट्टी इकाई
केआईओसीएल लि. (भारत सरकार का उद्यम)
तार : कुद्रेओर
धमन भट्टी इकाई
पनम्बूर, मेंगलूर – 575 010
टेलीफ़ोन : 2408955, 2408916,
फैक्स : 0824-2409366
धमन भट्टी प्रक्रिया
धमन भट्टी इकाई में 227500 मी.टन गर्म धातु प्रति वर्ष की उत्पादित करने की 350 क्यू. क्षमता की एक धमन भट्टी होती है । धमन भट्टी काम्प्लेक्स का अंतिम उत्पाद फाऊंड्री श्रेणी का पिग आयरन होता है । इस प्रक्रिया में निम्नलिखित कच्ची सामग्री का इस्तेमाल किया जाता है ।
धमन भट्टी की प्रक्रिया की एक विशेष बात यह होती है कि केआईओसीएल की गुटिका संयंत्र से 100% लौह अयस्क गुटिकाओं के फीड का इस्तेमाल करते हुए, प्रति दिन 650 टन गर्म धातु का निर्माण किया जा सकता है । बहरहाल, वर्तमान में इस भट्टी के फीड के रूप में 10-30 एमएम आकार के अंशांकित लौह लम्प का इस्तेमाल किया जा रहा है ।
धमन भट्टी में लौह निर्माण का सिद्धांत लगभग 1500 डिग्री से. पर तरल लोहे में कोयले द्वारा लौह ऑक्साइड अयस्क की तापीय-रासायनिक घटौती है । उपयुक्त अभिवाहों को डालते हुए तरल धातुमल के रूप में अवांछित पदार्थों को हटाया जाता है । धमन भट्टी के टॉप से कच्ची सामग्रियाँ परिवर्तित होती हैं और निचले हिस्से से गर्म हवा को ऊपर भेजा जाता है जिसके कारण ये तापीय-रासायनिक अभिक्रियाएँ होती हैं ।
धमन भट्टी के प्रचालन में प्रयुक्त प्रमुख कच्ची सामग्रियाँ हैं - लौह अयस्क, कोयला, मैंगेनीज़ अयस्क, चूने का पत्थर, क्वार्टीज़ाइट और डोलोमाइट, इनमें से अंतिम तीन पदार्थ अभिवाह होते हैं । कच्ची सामग्रियों को प्राप्त करने के बाद स्टॉकयार्ड में सामग्री-वार जमाया जाता है । दिन में इस्तेमाल किए जाने हेतु आवश्यक सामग्रियों को कन्वेयर प्रणाली के प्रयोग द्वारा दिन के बंकरों में ले जाया जाता है दिन के बंकरों से सामग्रियों की छानबीन की जाती है और बैच में आवश्यक आकार और प्रमात्रा में उनका वज़न किया जाता है । छानबीन की प्रक्रिया में प्राप्त कम आकार की सामग्रियों को भंडारण हेतु फाइन बंकरों को अंतरित किया जाता है । वज़न किए गए बैच को पूर्व-निर्धारित अनुक्रम में कन्वेयर में आवेशित किया जाता है और धमन भट्टी में चार्ज करने के लिए धमन भट्टी के टॉप में ले जाया जाता है ।
धमन भट्टी की टॉप चार्जिंग प्रणाली धमन भट्टी टॉप के दाब को बनाए रखने के लिए दोहरी बेल प्रणाली से सुसज्जित होती है । एक घूर्णी चूट का इस्तेमाल करते हुए कच्ची सामग्री को समान ढंग से संवितरित किया जाता है । पूर्व-निर्धारित अनुक्रम के अनुसार बैच में चार्जिंग की जाती है । स्टॉक लेवल संसूचक भट्टी के भीतर कच्ची सामग्रियों के स्तर की माप करता है और चार्जिंग इनपुट के लिए प्रतिपुष्टि देता है । स्क्रीनिंग से लेकर चार्जिंग तक सम्पूर्ण चार्जिंग प्रणाली पूरी तरह स्वचालित है ।
रासायनिक अभिक्रियाओं के लिए आवश्यक गर्म वायु को 2 एचटी मोटर चलित ब्लोअरों द्वारा 43000 एनएम3/घण्टे की औसत दर पर भट्टी में फूँका जाता है । धमन भट्टी में प्रवेश करने से पहले वायु को 3 चूल्हों का इस्तेमाल करते हुए 1100 डिग्री से. तक गर्म किया जाता है । चूल्हा गलनरोधी चेकर जिनमें ताप भंडारित होता है, को इष्टतम अनुपातों में वायु दहन और चूल्हों के भीतर धमन भट्टी गैस द्वारा गर्म किया जाता है । धमन भट्टी का गैस भट्टी का सह-उत्पाद होता है और इसमें लगभग 20% सीओ होता है जो इसे सस्ता और प्रभावी ईंधन बनाता है । इस प्रकार, भंडारित ताप ब्लोअरों द्वारा फूँकी गई ठंडी हवा से गुजरता है और उसके तापमान को 1100 डिग्री से. तक बढ़ाता है और इसे धमन भट्टी में प्रयोग करने हेतु उपयुक्त बनाता है ।
धमन वायु का प्रति-धारा संचलन और कच्ची सामग्रियाँ लौह अयस्क की घटौती अभिक्रिया को सुकर बनाते हैं । निर्मित तरल लौह (गर्म धातु) भट्टी के निचले तल में इकट्ठा होती है जिसके ऊपर तरल धातुमल, जो उच्चतर होता है, इकट्ठा किया जाता है । धातुमल और गर्म धातु दोनों को कास्ट हाउस में नियमित अंतराल पर ऊपरी छिद्र से निकाला जाता है । 35 टन क्षमता की कड़छी में गर्म धातु को एकत्रित किया जाता है जबकि दानाकरण संयंत्र में धातुमल के दानों को चूर्ण में परिवर्तित किया जाता है ।
भट्टी के अंदर पैदा हुई धमन भट्टी गैस को डस्ट कैचर में और गैस सफाई संयंत्र (जीसीपी) में धूल-रहित बनाया जाता है । जीसीपी में गैस को जल फुहारक द्वारा साफ किया जाता है और चूल्हे तथा कैप्टिव शक्ति संयंत्र में इस प्रकार साफ किए गए गैस का इस्तेमाल ईंधन के सस्ते स्रोत के रूप में किया जाता है । अतिरेक गैस को अपसारण के बाद वातावरण में उड़ा दिया जाता है ।
विशिष्ट जल पम्पिंग व्यवस्था से भट्टी के भीतर विभिन्न प्रशीतलन कारकों के लिए शीतलित जल प्रदान किया जाता है । गलनरोधन तथा भट्टी के कवच के जीवन के लिए शीतलन की प्रक्रिया आवश्यक है । एक दूसरी पम्पिंग प्रणाली जीसीपी की जल संबंधी आवश्यकताओं को पूरा करती है ।
गर्म धातु ले जाने वाली कढ़छियों को एक पिग कास्टिंग मशीन (पीसीएम) को अंतरित किया जाता है जिनमें 50 टन ईओटी क्रेन का प्रयोग किया जाता है । पीसीएम में, गर्म धातु को अधिकतम 8 कि.ग्रा. भार के 'पिग आयरन' में ढाला जाता है । इस व्यवस्था में एक स्ट्रैंड में 298 मोल्ड ले जाने वाला दोहरा स्ट्रैंड कास्टिंग चेन शामिल है । इन स्ट्रैंड को एक वैद्युत ड्राइव द्वारा चलाया जाता है । ईओटी क्रेन का प्रयोग करते हुए कढ़छी को तिरछा किया जाता है और एक रनर प्रणाली द्वारा मोल्ड में गर्म धातु बहाई जाती है । कास्टिंग चेन के लिए वायु-शीतलन और जल-शीतलन किया जाता है । पीसीएम द्वारा सृजित पिग आयरन को तीन वैगनों में एकत्रित किया जाता है जहाँ से उसे इलेक्ट्रो-चुंबकीय क्रेन से उठाया जाता है और पिग भंडारण यार्ड ले जाया जाता है और ग्राहकों को प्रेषण करने के लिए ग्रेड-वार व्यवस्थित किया जाता है ।
इस प्रकार निर्मित पिग आयरन को भारत भर के विभिन्न ग्राहकों को उनकी निर्दिष्ट आवश्यकताओं के अनुसार बेचा जाता है । 3.5 मे.वॉ. के दो वाष्प टर्बाइन जनरेटरों के साथ कैप्टिव शक्ति संयंत्र (सीपीपी) धमन भट्टी काम्प्लेक्स की शक्ति संबंधी आवश्यकताओं को पूरा करता है । सीपीपी में धमन भट्टी गैस का इस्तेमाल प्रमुख ईंधन के रूप में किया जाता है जो किफायती शक्ति सृजन में परिणामित होता है ।
बीएफ इकाई में, 3.5 मे.वॉ. के दो टीजी सेट प्रचालित हैं । ये टीजी सेट बाइलरों से भाप द्वारा चलते हैं जिनके लिए ईंधन की पूर्ति धमन भट्टी द्वारा पैदा किए गए धमन भट्टी (बीएफ) गैस से की जाती है ।
धमन भट्टी इकाई की कैप्टिव शक्ति संयंत्र